Saturday, 28 March 2020

जैन धर्म

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जैन धर्म 

➤जैन धर्म के संस्थापक एव प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव थे। 
➤जैन धर्म के 23 वे तीर्थकर पाशर्वनाथ थे जो कशी के इक्षवांकु वंशीय  अश्वसेन के पुत्र थे। 
   इन्होने 30 वर्ष की अवस्था में सन्यास-जीवन को स्वीकारा। इनके द्वारा दी गयी शिक्षा थी -
   (i)हिंसा न करना 
   (ii)सदा सत्य बोलना 
   (iii)चोरी न करना
    (iv)सम्पति न रखना 
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24  वे एव अंतिम तीर्थकर हुए 
➤महावीर का जन्म 540 ईसा पूर्व में कुंडग्राम(वैशाली )में हुआ था। इनके पिता सिदार्थ ज्ञातृक कुल के सरदार थे      और माता त्रिशला लिच्छवि राजा चेटक की बहन थी। 
महावीर की पत्नी का नाम यशोदा एव पुत्री  का नाम प्रियदर्शनी था। 
महावीर  बचपन का नाम वर्धमान था। इन्होने 30 वर्ष की उम्र में माता -पिता की मृत्यु के बाद अपने बड़े भाई        नन्दिवर्धन से अनुमति लेकर सन्यास -जीवन को स्वीकारा था। 
➤12 वर्षो   की कठिन तपस्या के बाद महावीर को जृंभिक के समीप ऋजुपलिका नदी के तट पर साल वृक्ष के        नीचे तपस्या करते हुए सम्पूर्ण ज्ञान का बोध हुआ। इसी समय से मवीर जिन (विजेता ),अर्हत (पूज्य )और              निर्गन्थ (बंधनहीन )कहलाये 
➤महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत (अर्धमागधी ) भाषा में दिया।

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➤ महावीर के अनुयायियों को मूलतः निग्रंथ कहा जाता था। 
➤महावीर के प्रथम अनुयायी उनके दामाद जामिल बने। 
➤प्रथम जैन भिक्षुणी नरेश दधिवाहन की पुत्री चंपा थी। 
➤महावीर ने अपने शिष्यों को 11 गणधरो में विभाजित किया था। 
➤आर्य सुधर्मा अकेला ऐसा गन्धर्व था जो महावीर की मृत्यु के बाद जीवित रहा और जो जैनधर्म का प्रथम थेरा या      मुख्या उदेशक हुआ। 
    लगभग 300 ईसा पूर्व में मगध में 12 वर्षो का भीषण अकाल पड़ा ,जिसके कारन भद्रबाहु अपने शिष्य सहित        कर्णाटक चले गए।  किन्तु कुछ अनुयायी स्थूलभद्र के साथ मगध में ही रुक गए। भद्रबाहु के वापस लौटने            पर मगध के साधुओं से उनका गहरा मतभेद हो गया जिसके परिणामस्वरूप जैन मत स्वेताम्बर एव दिगंबर         नामक दो संप्रदायो में बट गये। स्थूलभद्र के शिष्य स्वेताम्बर (श्वेत वस्त्र धारण करने वाले )एव भद्रबाहु के             शिष्य दिगंबर (नग्न रहने वाले )कहलाये। 
➤जैन धर्म के   त्रि-रत्न   (i)सम्यक दर्शन,(ii)सम्यक ज्ञान  और (iii) सम्यक आचरण। 
➤त्रि रत्न के अनुशीलन में निम्न पांच महाव्रतो को पालन अनिवार्य है -अहिंसा ,सत्य वचन ,अस्तेय ,अपरिग्रह एव        ब्रहचर्य। 
➤जैन धर्म में आत्मा की मान्यता है। 


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➤जैन धर्म में ईश्वर की मान्यता नहीं है। 
➤महावीर पुनर्जन्म एव में कर्मवाद में विश्वास करते थे। 
➤जैन धर्म के सप्तभंगी ज्ञान के अन्य नाम स्यादवाद और अनेकांतवाद है। 
➤जैन धर्म ने अपने आध्यात्मिक विचारो को सख्या दर्शन से ग्रहण किया। 
➤जैन धर्म मानने वाले कुछ राजा थे -उदयिन ,वंदराजा ,चन्द्रगुप्त मौर्या ,कलिंग नरेश खारवेल ,राष्ट्रकूट राजा            अमोघवर्ष ,चंदेल शासक। 
➤मैसूर के गंग वंश के मंत्री ,चामुंड के प्रोत्साहन से कर्णाटक के श्रवणबेलगोला में 10 वी शताब्दी के मध्य भाग       में  विशाल बाहुबली की मूर्ति (गोमतेश्वर की मूर्ति )का निर्माण किया गया । 
➤खजुराहो में जैन मंदिर का निर्माण चंदेल शासको द्वारा किया गया

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➤मौर्योत्तर युग में मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था। मथुरा कला का सम्बन्ध जैनधर्म से है। 
➤जैन तीर्थकरो की जीवनी भद्रबाहु द्वारा रचित कल्पसूत्र में है। 
➤72 वर्षो की आयु में महावीर की मृत्यु (निर्वाण )468 ईसा पूर्व में बिहार राज्य के पावापुरी (राजगीर )में हो गयी। ➤मल्लराजा सृस्तिपाल के राजप्रासाद में महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था। 


➤जैन सगीतिया 

➤प्रथम संगीति ➤300 ईसा पूर्व ➤पाटलिपुत्र में ➤स्थूलभद्र की अध्यक्षता में 
➤द्वितीय संगीति ➤छठी शताब्दी ➤वललभी गुजरात ➤क्षमाश्रवण की अध्यक्षता में

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➤प्रमुख जैन तीर्थकर और उनके प्रतिक चिन्ह 

ऋषभदेव (प्रथम )➤ साढ़ 
पाश्र्वनाथ (23 वे )➤सर्प 
महावीर(24 वे )➤सिंह 

  

One Liner Question

1. जैन धर्म में तीर्थकर किसे कहा जाता है?
उतर -जैन -धर्म के संस्थापक एव प्रवर्तको को। 

2. जैन -धर्म में कुल कितने तीर्थकर हुए है ?
उतर -24 

3.प्रथम तीर्थकर का नाम क्या था ?
उतर -ऋषभदेव

4. जैन -धर्म के 23 वे तीर्थकर का नाम क्या था?
उतर -पाशर्वनाथ। 

5. जैन -धर्म के 24 वे एव अंतिम तीर्थकर तथा प्रवर्तक कौन थे?
उतर -महावीर 

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6. जैन -धर्म में निग्रंथ किसे कहा जाता है ?
उतर -जैन -आत्माओं को। 


7 . जैन-धर्म के प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव का जन्म कहा हुआ था?
उतर - अयोध्या के सूर्यवंश में। 

8.जैन धर्म के 23 वे तीर्थकर पाशर्वनाथ का जन्म कहा हुआ था और वे कौन थे?
उतर -कशी के राजा अश्वसेन के पुत्र थे। 

9. जैन -धर्म के प्रमुख सिंद्धान्तो की स्थापना किसने की थी?
उतर -पाशर्वनाथ ने। 

10. पाशर्वनाथ द्वारा स्थापित जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांत कौन -कौन है ?
उतर -प्रमुख सिद्धांत चार है -(i)अहिंसा  (ii)सत्य ,(iii)अस्तेय(चोरी नहीं करना ) तथा (iv) अपरिग्रह (सम्पति का त्याग )


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11. जैन -धर्म के 24 वे एव अंतिम तीर्थकर महावीर का जन्म कब और कहा हुआ था?
उतर -540 ईसा पूर्व में और बिहार के वैशाली के निकट कुंडग्राम में। 

12.महावीर के माता एव पिता का नाम क्या था ?
उतर -महावीर की माता का नाम त्रिशला एव पिता का नाम सिदार्थ था। 

13.महावीर किस वर्ण एव जाति के थे?
उतर -क्षत्रिय एव ज्ञात्रक। 

14. महवीर के बचपन का नाम क्या था?
उतर -वर्धमान 

15.महावीर का विवाह किसके साथ हुआ था ?
उतर -यशोदा के साथ।

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16. महावीर की पुत्री का नाम क्या था। 
उतर -प्रियदर्शना। 

17. महावीर की पुत्री की शादी किसके साथ हुई थी। 
उतर -जमाली के साथ। 

18. कितने वर्षो की कठोर तपस्या के बाद महावीर को कैवल्य (ज्ञान) प्राप्त हुआ था?
उतर -12 वर्षो के बाद। 

19. किस स्थान पर महावीर को ज्ञान प्राप्त हुआ ?
उतर -जुम्भिक ग्राम के समीप ऋजुपलिका नदी के तट पर। 

20.भगवान महावीर को किस पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी?
उतर - शाल वृक्ष के नीचे। 

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21 कितने वर्ष की अवस्था में भगवान महावीर को कैवल्य प्राप्त हुआ ?
उतर -42 वर्ष की अवस्था में। 

22. जैन शब्द की उत्पति किस शब्द शब्द से हुई है और इसका अर्थ क्या है ?
उतर -जैन शब्द की उत्पति जिन शब्द से हुआ है और इसका अर्थ है -जिसने अपनी इन्द्रियो पर नियंत्रण कर आध्यात्मिक विजय प्राप्त की हो। अर्थात भगवान महावीर को जिन कहा गया और उनके अनुयायिओ को जैन कहा गया। 

23.ज्ञान -प्राप्ति करने के बाद भगवान महावीर और किन -किन नामो से पकारे गए ?
उतर -अर्हत (पूजनीय ),केवलीन (सर्वज्ञ )और निर्ग्रन्थ (बंधनरहित )

24.ज्ञान-प्राप्ति के बाद महावीर ने सर्वप्रथम उपदेश किस स्थान पर दिया?
उतर -राजगृह। 

25. जैन -धर्म के पांच प्रमुख सिद्धांत (महाव्रत )क्या है?
उतर -(i)अहिंसा  
(ii)सत्य ,
(iii)अस्तेय(चोरी नहीं करना ) तथा 
(iv) अपरिग्रह (सम्पति का त्याग )
(v)ब्रम्हचर्य
प्रथम चार सिद्वांतो की स्थापना पाशर्वनाथ द्वारा हुई थी और पांचवे सिद्धांत ब्रम्हचर्य को महावीर ने जोड़ा था। 

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26.जैन -धर्म में सबसे अधिक महत्व किस सिद्धांत को दिया गया है?
उतर -अहिंसा को। 

27.महावीर की मृत्यु कब और कहा हुई थी ?
उतर -468 ईसा पूर्व में , नालंदा जिले के पावापुरी में। 

28. जैन -धर्म के तीन रत्न (त्रि -रत्न )कौन -कौन से है ?
उतर -सम्यक ज्ञान ,सम्यक दर्शन एव सम्यक चरित्र। 

29. वस्त्र -धारण के सम्बन्ध में महावीर का क्या था ?
उतर -पाशर्वनाथ वस्त्र -धारण के समर्थक थे ,किन्तु महावीर वस्त्र त्यागकर पूर्ण रूप से नगण्य रहने की बात करते थे। 

30.जैन -धर्म कितने संप्रदाय में विभक्त है ?
उतर -दो संप्रदाय -श्वेताम्बर तथा दिगंबर। 

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31. श्वेताम्बर एव दिगंबर में क्या अंतर है ?
उतर -श्वेताम्बर संप्रदाय के समर्थक श्वेत वस्त्र धारण करते है ,किन्तु दिगंबर संप्रदाय के समर्थक नगण्य रहते है। 

32.जैन -धर्म में युद्ध एव कृषि दोनों वर्जित है क्यों ?
उतर -क्योकि दोनों में जीवो की हत्या होती है। 

33.जैन -धर्म किसानो एव सैनिको के बीच लोकप्रिय क्यों नहीं हो सका?
उतर -क्योंकि जैन -धर्म अहिंसा पर काफी बल दिया। 

34.जैन -धर्म आम आदमी को अपनी ओर आकर्षित क्यों नहीं कर सका ?
उतर -क्योकि जैन -धर्म में आचरण के नियम बहुत कठोर थे। 

35.जैन -धर्म मुख्य रूप से किस वर्ग में अधिक मान्य हुआ ?
उतर -व्यापारी वर्ग में। 

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36. जैन -धर्म का ईश्वर के बारे में क्या विचार है ?
उतर -ईश्वर के  अस्तित्व के बारे में महावीर ने कुछ नहीं कहा। 

37.महावीर ने अपना पहला उपदेश किस भाषा में दिया था ?
उतर -पाली में 

38.मगध तथा दक्षिणी जैनो के मतभेद को दूर करने के लिए किस स्थान पर एक परिषद् का आयोजन किया गया ?
उतर -पाटलिपुत्र में।  इसे जैन -धर्म की प्रथम संगीति की सज्ञा दी जाती है। यह 300 ईसा पूर्व में हुई और इसमें जैन -धर्म -दिगंबर एव श्वेताम्बर -दो सम्प्रदाय में विभक्त हो गया।  इस प्रकार तब से दक्षिणी जैन दिगंबर तथा मगध के जैन श्वेताम्बर कहलाये। 

39.कर्णाटक में जैन -धर्म के प्रचार का श्रेय किसे कहा जाता है?
उतर -चन्द्रगुप्त मौर्य को। 

40. कलिंग (उड़ीसा )में जैन -धर्म के प्रचार का श्रेय किसे जथा है ?
उतर -कलिंग नरेश खारवेल को। 

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41. जैन -धर्म के ग्रन्थ किस भाषा में लिखे गए है ?
उतर - अर्धमागधी भाषा में। 

42. जैनियों ने धर्मोपदेश के लिए किस भाषा को अपनाया ?
उतर -प्राकृत 

43. जैन -धर्म की द्वितीय संगीति कहा हुई और उसकी उपलब्धि क्या थी?
उतर -छठी सदी में गुजरात के वलभी नामक स्थान पर। इसमें जैन -धर्म -ग्रंथो को अंतिम रूप से संकलित किया गया ;(अध्यक्ष -क्षमाश्रवण)

44. आजीवक पंथ का संस्थापक कौन थे ?
उतर -मखली गोशाली। 

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