हिन्द-यूनानी(इंडो-ग्रीक)➤शक ➤पहलव ➤कुषाण
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➤भारत पर सबसे पहले आक्रमण बैक्ट्रिया के शासक डिमिट्रियस ने किया था। इसने 190 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण कर अफगानिस्तान ,पंजाब एव सिंध के बहुत बड़े भाग पर अधिकार कर लिया। इसने शाकल को अपनी राजधानी बनायीं। इसे ही हिन्द -यूनानी या बक्ट्रियाई यूनानी कहा गया।
➤हिन्द-यूनानी शासको में सबसे अधिक विख्यात मिनाण्डर(165 -145)ईसा पूर्व हुआ इसकी राजधानी शाकल (आधुनिक सियालकोट)शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
➤मिनाण्डर ने नागसेन (नागार्जुन )से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
➤मिनान्डर के प्रश्न एव नागसेन द्वारा दिए गए उतर एक पुस्तक के रूप में संगृहीत है ,जिसका नाम मिलिन्दपन्हो अर्थात मिलिंद के प्रश्न या मिलिन्द्प्रश्न है।
➤भारत में सबसे पहले हिन्द यूनानी ने ही सोने के सिक्के जारी किये।
➤शक
➤यूनानी के बाद शक आये। शको की पांच शाखाये थी और हर शाखा की राजधानी भारत और अफगानिस्तान में अलग -अलग भागो में थी।
➤पहली शाखा -अफगानिस्तान
➤दूसरी शाखा -पंजाब(तक्षशिला)
➤तीसरी शाखा -मथुरा
➤चौथी शाखा -पश्चिमी भारत
➤पांचवी -दकन
➤प्रथम शक राजा मोअ था।
➤शक मूलतः मध्य एशिया के निवासी थे और चरागाह की खोज में भारत आये थे।
➤58 ईसा पूर्व में उज्जैन के एक स्थानीय राजा ने शको को पराजित करके बाहर खदेड़ दिया और विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
➤शको पर विजय के उपलक्ष्य में 58 ईसा पूर्व से एक नया सवत विक्रम संवत के नाम से प्रारंभ हुआ।
➤उसी समय से विक्रमादित्य एक लोकप्रिय उपाधि बन गया ,जिसकी संख्या भारतीय इतिहास में 14 तक पहुंच गयी। गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय सबसे अधिक विख्यात विक्रमादित्य था।
➤शको का सबसे प्रतापी शासक रुद्रदामन प्रथम था,इसने काठियावाड़ के अर्धशुष्क सुदर्शन झील (मौर्यो द्वारा निर्मित )का जिरनद्वार किया।
➤रुद्रदामन संस्कृत का बड़ा प्रेमी था। उसने ही सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख (गिरनार अभिलेख )जारी किया। इसके पहले के सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में रचित थे।
➤भारत में शक राजा अपने को क्षत्रप कहते थे।
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कुषाण वंश
➤पहलव के बाद कुषाण आये ,जो यूची एव तोखरि भी कहलाते है।
➤यूची नामक एक कबीला पांच कुलो में बट गया था ,उन्ही में एक कुल के थे कुषाण।
➤कुषाण वंश के संस्थापक कुजुल कडफिसस था।
➤कुषाण वंश का सबसे प्रतापी राजा कनिष्क था। और इनकी राजधानी पुरुषपुर या पेशावर था।
➤कुषाणों की की द्वितीय राजधानी मथुरा थी।
➤कनिष्क ने 78 ई में (गद्दी पर बैठने के समय )एक सवत चलाया,जो शक-सवत कहलाया जिसे भारत सरकार द्वारा प्रयोग में लाया जाता है।
➤बौद्ध धर्म की चौथी संगीति कनिष्क के शासनकाल में कुंडलवन (कश्मीर )में प्रशिद्ध बौद्ध विद्वान वसुमित्र की अध्यक्षता में हुई।
➤कनिष्क बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का अनुयायी था।
➤कनिष्क का राजबैध आयुर्वेद का विख्यात विद्वान चरक था। जिसने चरक सहिता की रचना की।
➤महाविभाष सूत्र के रचनाकार वसुमित्र है ,इसे ही बौद्ध धर्म का विश्वकोश कहा जाता है।
➤कनिष्क के राजकवि अश्वघोष ने बौद्धों का रामायण बुद्धचरित की रचना की।
➤वसुमित्र ,पाशर्व ,नागार्जुन ,महाचेत और संघरक्ष भी कनिष्क के दरबार की विभूति थे।
➤भारत का आइंस्टाइन नागार्जुन को कहा जाता है। इनकी पुस्तक माध्यमिक सूत्र(इस पुस्तक में नागार्जुन ने सापेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया था। )
➤कनिष्क की मृत्यु 102 ई में हो गयी। कुषाण वंश की अंतिम शासक वासुदेव था।
➤गांधार शैली एव मथुरा शैली का विकाश कनिष्क के शासनकाल में हुआ था।
➤रेशम मार्ग पर नियंत्रण रखने वाले शासको में सबसे प्रसिद्ध कुषाण थे।
VERY SHORT TYPE QUESTION ANSWER
हिन्द-यूनानी(इंडो-ग्रीक)➤शक ➤पहलव ➤कुषाण
1.इंडो ग्रीक(हिन्द यूनानी) कहा राज्य करते थे?
उतर -कंधार में
2. भारत में यूनानी शासको में सबसे प्रमुख किसे माना गया है?
उतर -मिनान्डर(मिलिंद) को
3.मिलिंद की राजधानी कहा थी?
उतर -शाकल(स्यालकोट)
4. मिलिंद ने किस ग्रन्थ की रचना की थी ?
उतर -मिलिन्दपन्हो
➤शक
5. शक कहा के निवासी थे ?
उतर -शक मूलतः मध्य एशिया के निवासी थे।
6.शक भारत के किस भू -भाग पर आकर बसे ?
उतर -उतर-पश्चिम भारत में
7. शक वंश का सबसे योग्य शासक कौन था ?
उतर -रुद्रदामन
➤कुषाण
8. कुषाणों का मूल निवास कहा था ?
उतर -चीनी तुर्किस्तान में।
9. कुषाण कौन था ?
उतर -कुषाण चीन के यूची जाति की एक शाखा थी ,जो भारत में उतरी -पशिचमी क्षेत्र पर अपना शासन स्थापित करने में सफल हुए थे।
10. कुषाण वंश का प्रथम शक्तिशाली शासक कौन था?
उतर -कुजुल कदफिसस।
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11. कुजुल कदफिसस की मृत्यु के बाद उसका उत्तराधिकारी कौन हुआ?
उतर -विम कदफिसस
12. भारत में चमड़े से जूता बनाने का प्रचलन किस काल में प्रारंभ हुआ था ?
उतर -कुषाणकाल में।
13. कुषाण वंश का सबसे शक्तिशाली शासक तथा योग्य शासक कौन था ?
उतर -कनिष्क
14. कनिष्क कब राज सिंहासन पर बैठा ?
उतर -78 ई में।
15. शक-संवत का प्रारंभ किसने किया था ?
उतर -कनिष्क ने।
16. शक-संवत कब से प्रारंभ हुआ ?
उतर -78 ई से
17. कनिष्क की राजधानी कहा थी ?
उतर -पुरुषपुर(पेशावर )
18.कनिष्क ने कश्मीर में किस नगर की स्थापना की थी ?
उतर -कनिष्कपुर
19.कनिष्क ने कौन सा धर्म ग्रहण किया था ?
उतर -बौद्ध धर्म।
20. अश्वघोष कौन था ?
उतर -कनिष्क का राजकवि।
21.किसके शासन काल में चौथी बौद्ध संगीति हुई थी ?
उतर -कनिष्क काल में।
22. चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन कहा एव किसकी अध्यक्षता में हुई थी ?
उतर -कुण्डलवन(कश्मीर)में बौद्ध विद्वान वसुमित्र की अध्यक्षता में तथा अश्वघोष की उपाध्यक्षता थे
23. कनिष्क के शासनकाल में दो महान साहित्यकार कौन -कौन थे ?
उतर -वसुमित्र एव अश्वघोष।
24. अश्वघोष की मुख्य रचनाये कौन -कौन थे ?
उतर -बुद्धचरित एव सूत्रालंकार
25. कनिष्क के दरबार में प्रमुख दरबारी कौन -कौन थे ?
उतर -वसुमित्र ,अश्वघोष ,चरक ,नागार्जुन ,संघरक्षक।
26.चरक कौन था ?
उतर -कनिष्क का राज वैध।
27.चरक सहिता किनकी रचना है ?
उतर -चरक
28. चरक सहिता किस विषय पर लिखी पुस्तक है ?
उतर -चिकित्सा से सम्बंधित।
29. कनिष्क बौद्ध धर्म -के किस संप्रदाय का अनुयायी था ?
उतर -महायान संप्रदाय।
30.नागार्जुन कौन था ?
उतर -कनिष्क के दरबार की विभूति ,जो महान दार्शनिक एव वैज्ञानिक था
31. भारत का आइंस्टाइन किसे कहा गया है ?
उतर -नागार्जुन को।
32. नागार्जुन ने किस पुस्तक की रचना की थी ?
उतर -माध्यमिक सूत्र जिसमे उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत को प्रस्तुत किया।
33.गांधार शैली क्या है ?
उतर -कुषाणकाल में बुद्ध की मुर्तिया बहुतायात संख्या में बननी शुरू हुई। गांधार के कलाकारों ने इस विषय में यूनानी कला का अनुसरण किया। गांधार के कलाकारों ने तपस्या में लीन बुद्ध की मूर्ति को बड़े ही सुन्दर रूप में उभारा है। गंधार-कला को झंडो -यूनानी बौद्धकला भी कहा जाता है। इस कला में मुर्तिया स्लेटी पत्थर की बनी होती है।
34. मथुरा शैली क्या है ?
उतर -मथुरा की बुद्ध -मुर्तियो पर भारतीयता की अधिक गहरी छाप है। इस शैली की मुर्तिया लाल बलुए पत्थर की बनी होती है।
35. बिना सर का कनिष्क की कांसे की की मूर्ति किस स्थान से प्राप्त हुई है ?
उतर -मथुरा से।
36. कुषाण युग में कौन सा नगर भारतीय मूर्तिकला का एक बड़ा केंद्र था ?
उतर -मथुरा।
37.कनिष्क की मृत्यु कब हुई थी ?
उतर -102 ई में
38.कनिष्क की मृत्यु के बाद कुषाण-वंश का शासक कौन हुआ?
उतर -उसका बड़ा पुत्र वासिष्क।
39.कुषाण वंश का अंतिम शासक कौन था ?
उतर -वासुदेव
उतर -कनिष्कपुर
19.कनिष्क ने कौन सा धर्म ग्रहण किया था ?
उतर -बौद्ध धर्म।
20. अश्वघोष कौन था ?
उतर -कनिष्क का राजकवि।
21.किसके शासन काल में चौथी बौद्ध संगीति हुई थी ?
उतर -कनिष्क काल में।
22. चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन कहा एव किसकी अध्यक्षता में हुई थी ?
उतर -कुण्डलवन(कश्मीर)में बौद्ध विद्वान वसुमित्र की अध्यक्षता में तथा अश्वघोष की उपाध्यक्षता थे
23. कनिष्क के शासनकाल में दो महान साहित्यकार कौन -कौन थे ?
उतर -वसुमित्र एव अश्वघोष।
24. अश्वघोष की मुख्य रचनाये कौन -कौन थे ?
उतर -बुद्धचरित एव सूत्रालंकार
25. कनिष्क के दरबार में प्रमुख दरबारी कौन -कौन थे ?
उतर -वसुमित्र ,अश्वघोष ,चरक ,नागार्जुन ,संघरक्षक।
26.चरक कौन था ?
उतर -कनिष्क का राज वैध।
27.चरक सहिता किनकी रचना है ?
उतर -चरक
28. चरक सहिता किस विषय पर लिखी पुस्तक है ?
उतर -चिकित्सा से सम्बंधित।
29. कनिष्क बौद्ध धर्म -के किस संप्रदाय का अनुयायी था ?
उतर -महायान संप्रदाय।
30.नागार्जुन कौन था ?
उतर -कनिष्क के दरबार की विभूति ,जो महान दार्शनिक एव वैज्ञानिक था
31. भारत का आइंस्टाइन किसे कहा गया है ?
उतर -नागार्जुन को।
32. नागार्जुन ने किस पुस्तक की रचना की थी ?
उतर -माध्यमिक सूत्र जिसमे उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत को प्रस्तुत किया।
33.गांधार शैली क्या है ?
उतर -कुषाणकाल में बुद्ध की मुर्तिया बहुतायात संख्या में बननी शुरू हुई। गांधार के कलाकारों ने इस विषय में यूनानी कला का अनुसरण किया। गांधार के कलाकारों ने तपस्या में लीन बुद्ध की मूर्ति को बड़े ही सुन्दर रूप में उभारा है। गंधार-कला को झंडो -यूनानी बौद्धकला भी कहा जाता है। इस कला में मुर्तिया स्लेटी पत्थर की बनी होती है।
34. मथुरा शैली क्या है ?
उतर -मथुरा की बुद्ध -मुर्तियो पर भारतीयता की अधिक गहरी छाप है। इस शैली की मुर्तिया लाल बलुए पत्थर की बनी होती है।
35. बिना सर का कनिष्क की कांसे की की मूर्ति किस स्थान से प्राप्त हुई है ?
उतर -मथुरा से।
36. कुषाण युग में कौन सा नगर भारतीय मूर्तिकला का एक बड़ा केंद्र था ?
उतर -मथुरा।
37.कनिष्क की मृत्यु कब हुई थी ?
उतर -102 ई में
38.कनिष्क की मृत्यु के बाद कुषाण-वंश का शासक कौन हुआ?
उतर -उसका बड़ा पुत्र वासिष्क।
39.कुषाण वंश का अंतिम शासक कौन था ?
उतर -वासुदेव
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